“नार”
नाजुक सख्त,हुस्न,चंचलता,मृदुल,मनोहर,कुलिश,कठोर।
कमनिय,कम्पन,चकित,भयातुर,निष्ठुर,सलज चितचोर।
विविध वस्तु से रचा विधाता,गुण-अवगुण सब दिया निखार,
दिया पुरुष को अनुपम नारी कहत गंवार धन्य करतार।
सूर्य प्रकाश उपाध्याय
पटना(बिहार)