नारी
स्वतंत्र सही लेकिन
स्वतंत्र नहीं नारी ।
देह की परिभाषा से
क्यों मुक्त नहीं नारी ।।
देह से विलग भी
अस्तित्व है उसका ।
केवल कामेच्छा का
माध्यम नहीं नारी ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
स्वतंत्र सही लेकिन
स्वतंत्र नहीं नारी ।
देह की परिभाषा से
क्यों मुक्त नहीं नारी ।।
देह से विलग भी
अस्तित्व है उसका ।
केवल कामेच्छा का
माध्यम नहीं नारी ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद