नारी
नारी
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हां मैं नारी हूं, अबला नहीं,
सबला नारी हूं।
समझ कर कमजोर मुझको,
किया आघात मुझ पर,
पर!में लाचार नहीं,
मुझे दूधिया तलवार समझो!!!!
हां मैं नारी हूं—-
क ई रूप हें नारी के,कभी माता कभी बहन।
कभी दुर्गा ,कभी काली
कभी लक्ष्मी, कभी चण्डी हे बन जाती।
मत समझो कमजोर मुझे तुम,
सशक्त है साकार भी
जब भी कोई विपदा आती!
नारी शक्ति का भंडार हे बन जाती—
हां मैं नारी हूं—-
कभी पहाड़ों पे माउन्ट एवरेस्ट में,
अपना झंडा फहराती—
कभी आसमान में उड़कर,
फाइटर प्लेन उड़ाती!!
हां मैं नारी हूं—-
सदा करो सम्मान,
निरादर मत करो इनका!
ईश्वर की उत्कृष्ट कृति हे नारी—
शत्-शत् नमन करो इनका!!!
हां मैं नारी हूं—-
मानव को जन्म देकर,
मां कहलाने वाली
एक पहचान देने वाली,
जननी हे !नारी
बच्चों के लिए, हर दुख पीड़ा–
सह जाती हे नारी!
उफ!भी नहीं करती,सह जाती हे वेदना सारी।
हां मैं नारी हूं अबला नहीं, सबला,
शक्ति शाली हूं नारी——-
सुषमा सिंह *उर्मि,,