नारी
महिला दिवस पर सभी महिलाओं को सादर समर्पित!
नज़्म
कहता है कौन ….विचारी है!
खुशियों का नाम हि नारी है!
जिसके आगे …यम भी हारा,
वह देवों पर भी ……भारी है!
नारी बिन जीवन मरुथल सा,
नारी घर की …..फुलवारी है!
जिसने दुनियाँ ..दिखलायी है,
सारे जग की ……महतारी है!
माता बेटी भगिनी ….बनकर,
संबंधों की ……किलकारी है!
अर्धांगिन बन कर …आती है,
वह पूरा जीवन …….वारी है!
वह ‘प्रेमी’ प्रेम ……पुजारन है,
सबको लगती वह …प्यारी है!
….. ✍ सत्य कुमार ‘प्रेमी’