Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 1 min read

नारी सृष्टि कारिणी

????
नारी करती प्राण उन्मन,नारी सृष्टि कारिणी।
नियति का ये सत्य नियमन,नारी है नारायणी।।

हर रूप पूजनीय तेरा,तू अनेक रूपधारिणी।
युगों से तेरी प्रमुखता,तू आदिशक्तिरूपिणी।।

इस जहाँ से तू ना डर,तू है भयहारिणी।
घुट-घुट कर यूँ ना मर,तू है शत्रु नाशिनी।।

बढे़ जब भी अत्याचार,तू है दुर्गा,काली।
मौत भी गया हार,तू है सत्यवती सावित्री।

तुझ में शक्ति अपार,तू सर्वशक्तिशालिनी।
कर दुष्टों का संहार,तू प्रचंडरूपधारीणी।।
????-लक्ष्मी सिंह?☺

601 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

- शिक्षा को सबको मिले समान अधिकार -
- शिक्षा को सबको मिले समान अधिकार -
bharat gehlot
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
भूल जाना मुझे....
भूल जाना मुझे....
Jyoti Roshni
ॐ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव संभवम्।
ॐ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव संभवम्।
Shashi kala vyas
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हिंदी
हिंदी
Sudhir srivastava
पावन मन्दिर देश का,
पावन मन्दिर देश का,
sushil sarna
दोहे
दोहे
Aruna Dogra Sharma
यही रात अंतिम यही रात भारी।
यही रात अंतिम यही रात भारी।
Kumar Kalhans
हर उम्र है
हर उम्र है
Manoj Shrivastava
अटल खड़े देवदार ये
अटल खड़े देवदार ये
Madhuri mahakash
इसी खिड़की से प्रतीक्षारत होकर निहारने की तरह ही
इसी खिड़की से प्रतीक्षारत होकर निहारने की तरह ही
पूर्वार्थ
जाने दो माँ
जाने दो माँ
Kaviraag
लक्ष्य
लक्ष्य
Sanjay ' शून्य'
*काले-काले मेघों ने ज्यों, नभ का सुंदर श्रृंगार किया (राधेश्
*काले-काले मेघों ने ज्यों, नभ का सुंदर श्रृंगार किया (राधेश्
Ravi Prakash
वसीयत
वसीयत
MEENU SHARMA
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
Sonam Puneet Dubey
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
■ सुन भी लो...!!
■ सुन भी लो...!!
*प्रणय*
यूं टूट कर बिखरी पड़ी थी तन्हाईयां मेरी,
यूं टूट कर बिखरी पड़ी थी तन्हाईयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
Shweta Soni
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"धोखा"
Dr. Kishan tandon kranti
पहले से
पहले से
Dr fauzia Naseem shad
राधा कृष्ण
राधा कृष्ण
Mandar Gangal
“बधाई और शुभकामना”
“बधाई और शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
क्यो तू रोता इस नश्वर संसार में ..
क्यो तू रोता इस नश्वर संसार में ..
Buddha Prakash
2741. *पूर्णिका*
2741. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...