नारी
नारी पर दोहे।
1-मूरत है मामृत्व की,स्नेह उसमें अपार।
नारी से ही रचा गया ,यह सारा संसार।।
2-नारी दुर्गा रूप है, संयम अपरम्पार।
मत ललकारो स्त्रीत्व को, करो सदव्यवहार।।
3-खिलौना नहीं कामिनी,मत करो दुराचार।
काली रूप अगर धरे ,बचे न ये संसार।।
4- कोई छोटा ना बड़ा,सब लोग एक समान।
नर नारी मिलकर चलें, हो समाज उत्थान।।
5- नर नारी दोनों से ही,बनता है परिवार।
विचार आपस में मिलें,तभी चले संसार।।
By:Dr Swati Gupta