नारी
प्रकृति की अद्
रचना देती है,
सृष्टि की रचना
को जन्म
हर साँस से है
गहरा रिस्ता
हिम्मत इतनी
यमदूत से लायी है
पति के प्राण
देश भक्ति की
भवना ने देश
पर न जाने कितने
लाल किये है कुर्वान
परिबार भले न करे कद्र
मगर नही चलता उसके
बिना किसी का कार्य
बिश्व में विभिन्न पदों
पर डंका पीटने वाली
वह अद्भत रचना है
वो है महान नारी
जो माँ के रूप है
सबसे प्यारी