नारी
नारी।
-आचार्य रामानंद मंडल।
नारी तू के छे?
तू सम्मान छे!
तू अपमान छे!
नारी तू के छे?
तू मां छे!
तू पत्नी छे!
नारी तू के छे?
नारी तू बहन छे!
नारी तू बेटी छे।
नारी तू के छे?
नारी तू सृजना छे!
नारी तू भोग्या छे!
नारी तू के छे?
नारी तू देवी छे!
नारी तू राक्षसी छे!
नारी तू के छे?
नारी तू धर्म छे!
नारी तू अधर्म छे!
नारी तू के छे!
नारी तू निर्माण छे!
नारी तू विध्वंस छे!
नारी तू के छे?
नारी हम मानवी छी।
रामा हमरो एक भावना छी।
स्वरचित@सर्वाधिकार रचनाकाराधीन
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।