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6 May 2024 · 2 min read

नारी हो कमज़ोर नहीं

माताओं और बहनों को साथ आना चाहिए
नारी हो नारी के प्रति सम्मान होना चाहिए
अश्लीलता का सरेआम बहिस्कार करना चाहिए
अब उन्हें ये तय करना होगा कि उन्हें जीवन में क्या चाहिए
स्वाभिमान से भरा जीवन चाहिए
या अपनी ही नजरों से गिरा हुआ व्यक्तित्व
उन्हें तय करना होगा कि वो शक्ति का रुप बनती हैं या
किसी हवशी की आंखो में समाती हैं
जो नारियां सरेआम अश्लीलता फैलाती हैं
वो आनेवाली पीढ़ियों के लिए क्या साबित करना चाहती हैं
अरे स्त्री को तो ऐसा होना चाहिए कि कोई आंख उठाकर भी न देख सके
अपने हाथों पर शस्त्र नहीं हाथ ही शस्त्र होने चाहिए
मेकअप की दुकान नहीं स्त्री की गरिमा होनी चाहिए
आज़ की देवियों आपको ही शस्त्र होना चाहिए
कोमलता नहीं कालिका का विराट रुप होना चाहिए
अनपढ़ गवार नहीं शिक्षित और शास्त्रों में पारंगत होना चाहिए
नहीं हो सुकोमल तुम न ही बनना कोमल तुम
नारी हो कमज़ोर नहीं, जननी हो तुम
अपनें लिए आवाज़ तुम्हें ही उठानी है
अपनें आत्मसम्मान की रक्षा के लिए तुम्हें ही कोशिश करनी है
याद रखना माताओं और बहनों
जब तक एक नारी कहलाएगी दुश्मन नारी की
अन्याय सरेआम होगा एक नारी पर
जिस दिन एक नारी आगे आएगी किसी नारी के लिए
फिर कोई व्यथित नारी नहीं होगी
याद रखना सदैव जिस दिन एक नारी समझ जाएगी दुनियादारी
पड़ेगी वो हर दुशासन पर भारी,
नारी हो नारी बनो, प्रेम करुणा तो है ही लेकिन
अपनें जीवन की सुरक्षा कि खातिर शस्त्र भी बनो
आज़ कोई नहीं आएगा जो लाज तुम्हारी बचाएगा
तुम ही बचा सकती हो अपनी लाज को
विपदा की घड़ी में कमज़ोर नहीं पड़ना है
पूरे विश्वास के साथ आपको संघर्ष करना है
हर परिस्थितियों से बाहर आना है
ख़ुद ही ख़ुद का सम्मान करना है
_ सोनम पुनीत दुबे

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