नारी शक्ति
🙏नारी शक्ति 🙏
सर्वश्रेष्ठ शक्ति दुनियां की
नारी शक्ति होती है
हो नारी सम्मान जहां पर
उत्तम भक्ति होती है।
जिसने लिया रूप ज्वाला का
भारत की वो नारी है
आवश्यकता पड़ी है जब – जब
हिम्मत तनिक न हारी है।
महक उठी श्रृंगार धरा की
बन अंग्रेज जमाने में
सफल रही है देवी चण्डी
उसको मात दिखाने में।
चोर, लुटेरे, जग विद्रोही
जब आतंक मचाए हैं
नारी को लज्जित करने की
ज्यों ही सोच बनाए हैं ।
क्षण विलंब न करती बाला
धरती धूल चटाने में
उन आतंकी की वह रानी
बाहु भुजा चटकाने में।
देश की सेवा करने में वो
त्याग तपस्या करती है
माता रूप स्वयं ही लेकर
पेट सभी का भरती है।
नहीं कभी निद्रा ली उसने
नहीं कभी अलसाई है
प्रेम – दया को गोद में लेकर
स्वाभिमान दिखलाई है।
माया – आंसू ही दिखते हैं
लाख मुसीबत आने में
दिल बड़ा रखती है भवानी
दर्दाग्नि बुझाने में।
लेकर के विकराल हृदय
ममता का जग को पाला है
भूख जगत की सहन नहीं की
मुंह को दिया निवाला है।
वही है रानी दुर्गावती
वही है लक्ष्मीबाई भी
वही हाजरा, जीजाबाई
वही अहिल्याबाई भी।
वीरमती, सारंधा बनी है
देश की सेवा करने में
बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी
धारण किया संवरने में।
लिया है उसने विविध रूप
दुःख हरनी माता रानी ।
शत्रु पराजित की जगमाता
“रागी” जब – जब हठ ठानी ।।
✍️ कवि ✍️
राधेश्याम “रागी” जी
कुशीनगर उत्तर प्रदेश से
मो0 : 9450984941