बच्चों का साथ किसे प्यारा नहीं लगता हैऔर ऐसे मैं जब अपने बच्
बच्चों का साथ किसे प्यारा नहीं लगता हैऔर ऐसे मैं जब अपने बच्चे दूर हों तो किसी और बच्चों का साथ मिल जाता है तो बड़ा अच्छा लगता है ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ कुछ बच्चे हमारे घर अपने माता-पिता के साथ आये थे पर उनके पैरेंट्स खेल मैं बिजी थे मैं गई उनके कमरे मैं तो बोले
आंटी क्या करें हम अभी
ना जाने बड़े कब हींगें फ्री
कब बाहर जाएँगे और कब वापस आयेंगे
मैंने कहा फ़िक्र कि है क्या बात
तुम्हारा मेरे तो है सदा का साथ
हम गल्फ़ होटल तक चलतीं हैं
और सैर करके आतें हैं
फिर हम जाएँगें बॉलीवुड चाट
जहाँ पर लगी है दिल्ली जैसी हाट
दोसा ,इडलीबताता वड़ा का है साथ
तो फिर हम क्यों मलते रह जायें हाथ
जिसको जो पसंद है वो सब खाएगा
कौन है जो हमको रोक पाएगा
मानसी लहर आँचल सूरज एक साथ हैं खड़े
और इनके साथ मैं भी हूँ खड़ी
बॉलीवुड पर जब हमने धावा बोला
तो वेटर आ कर हमसे ये बोला
आप क्या क्या खाएँगे
गुमने कहा जो जो भी है सब ले आओ
उसने हैरानी से पूछा आप सभी कुछ खाओगे या साथ मैं के जाओगे ?
क्योंकि इतना सारा हम एक साथ दे नहीं पायेंगे
हमने कहा कोई बात नहीं बच्चा हम इंतज़ार कर लेंगे
खा कर पेट भर कर डकार भी मार लेंगे
आँखों की काँखनियों से देख बच्चे मुस्कुरा रहे थे और खुश नज़र आ रहे थे
पेट भर कर हम सब घर आ गए
बच्चों ने मज़े ले ले कर किससे सुनाएँ
हमारी शाम बहुत अच्छी रही ,कहो कैसी रही !!
इन्द्रामणि सभारवाल