नारी शक्ति का हो 🌹🙏सम्मान🙏
नारी शक्ति को करो सम्मान
मातृशक्ति पर करोअभिमान
🌷🌹🙏🙏☘️🍀💐
लाचारी पग रोक रही थी
पर तुफानों में चल रही थी
किस्ती संभाल घर की नारी
चारों ओर फिरंगी कहर भारी
छिप प्राण बचा रही थी बेचारी
पग पग खड़ी फिरंगी निगरानी
पग बंधी परतंत्रता की बेड़ी से
अभिव्यक्ति मुंह पर दबी पड़़ी
पग पग खडी थी फिरंगी काया
दबा रही भारत की मोह माया
झांक रहा था नारी काआंगना
क्रूर क्रूरता से दबी थी बेचारी
भाव भावना दूर खड़ी देख रही
हतप्रस्त लाचारी में घर बेचारी
माता के जिगर पर क्षण क्षण
क्रूरता वाणी और घात कुठारी
अमन सुख छीनती देख रही थी
लाचार विवश पड़़ी अवला नारी
जीवन पथ रक्षक मौन खड़ा था
उज्जवल भविष्य पाश से बंधा
कब हर्षित होगी नारी बेचारी
परतंत्रता की बेड़ी जकड़ रही
प्रीत प्रतिज्ञा आस पास छोड़
जंजीर तोड़ने की ताक में नारी
आओ चलें पर कहाँ चले सोच
अकेली आँसू बहा रही लाचारी
मेंहदी की रंग मिट रही थी पर
हाथ कफ़न लिए खडी बेचारी
तभी स्वतंत्रता की सुलगीआग
कूद पड़े थे भारत नर-नारी
संगीनों की नोंकों पर उछाल रही
गद्दारों को सीख सिखा रही थी
भारत माता की याद दिला रही
उठा भाला तलवार कुठार आज
भागो फिरंगी छोड़ो देश आजादी
हमारा है जन्मसिद्ध अधिकार
नारी की हुंकार सुन जग उठे थे
सकल गाँव नगर पूरा हिन्दुस्तान
खाली किया देश देशी गद्दारों से
छीनीआज़ादी फिरंगी बेईमानों से
भारत वीर सबला मर्दानी नारी
कैसे भूलूं और भूलाने दूँ भारत
वीर वीरांगनाओं की बलदानी
सत् सत् नमन करता हूं गर्व से
भारत की मातृ नारी शक्ति ॥
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तारकेश्वर प्रसाद तरुण