Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2021 · 1 min read

नारी वेदना के स्वर

कल मुंहअंधेरे सवेरे मुझे पड़ोस से नारी क्रंदन स्वर सुनाई दिया ,
यह किसी घरेलू हिंसा प्रताड़ित गृहणी की वेदना का स्वर था ,
या किसी पुत्र एवं पुत्रवधू द्वारा उपेक्षित मां के आहत् हृदय का स्वर था ,
या किसी बेटी की अपेक्षित आकांक्षाओं एवं अभिलाषाओं के दमन से त्रस्त भावनाओं का स्वर था ,
मैं संवेदनहीन मूकदर्शक बना समाज की मर्यादा परिधि में बंधा नारी विडंबना को देखता रह गया ,
संस्कार, संवेदनशीलता, सद्भावना, सहकार ,सब बातें मुझे भाषण तक सीमित शब्द बन प्रतीत हुई ,
मैं अपने अस्तित्व से नगण्य अनुभूति से कुंठित लाचार बना यह सब देखता रह गया ,

Language: Hindi
10 Likes · 20 Comments · 480 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
Johnny Ahmed 'क़ैस'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कविता -
कविता - "सर्दी की रातें"
Anand Sharma
ज़िंदगी की चाहत में
ज़िंदगी की चाहत में
Dr fauzia Naseem shad
सहित्य में हमे गहरी रुचि है।
सहित्य में हमे गहरी रुचि है।
Ekta chitrangini
कबीर ज्ञान सार
कबीर ज्ञान सार
भूरचन्द जयपाल
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
सत्य कुमार प्रेमी
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....
shabina. Naaz
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खामोशियों की वफ़ाओं ने मुझे, गहराई में खुद से उतारा है।
खामोशियों की वफ़ाओं ने मुझे, गहराई में खुद से उतारा है।
Manisha Manjari
दानवीरता की मिशाल : नगरमाता बिन्नीबाई सोनकर
दानवीरता की मिशाल : नगरमाता बिन्नीबाई सोनकर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नागिन
नागिन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
Dr Archana Gupta
*अमूल्य निधि का मूल्य (हास्य व्यंग्य)*
*अमूल्य निधि का मूल्य (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
हरषे धरती बरसे मेघा...
हरषे धरती बरसे मेघा...
Harminder Kaur
हर दिन माँ के लिए
हर दिन माँ के लिए
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
इजहार ए इश्क
इजहार ए इश्क
साहित्य गौरव
3409⚘ *पूर्णिका* ⚘
3409⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
खुद से ज्यादा अहमियत
खुद से ज्यादा अहमियत
Dr Manju Saini
इन आँखों को हो गई,
इन आँखों को हो गई,
sushil sarna
.
.
*प्रणय प्रभात*
वो चिट्ठियां
वो चिट्ठियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बेवफ़ा इश्क़
बेवफ़ा इश्क़
Madhuyanka Raj
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
Vindhya Prakash Mishra
21-हिंदी दोहा दिवस , विषय-  उँगली   / अँगुली
21-हिंदी दोहा दिवस , विषय- उँगली / अँगुली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
यह मौसम और कुदरत के नज़ारे हैं।
यह मौसम और कुदरत के नज़ारे हैं।
Neeraj Agarwal
ईश्वर से बात
ईश्वर से बात
Rakesh Bahanwal
न मां पर लिखने की क्षमता है
न मां पर लिखने की क्षमता है
पूर्वार्थ
Loading...