नारी मय हुआ—-+—–
नारी मय हुआ संसार।सुन मेरे भरतार।———-अब न कहना मुझे नार ।————–तुम भी मूंछ मुंडाओं, सबने मूंछ मुंडाई।—-घर घर में देखो , मुखिया बनी लुगाई।———-अब नारी चलावै घर द्वार। सुन मेरे भरतार। नारी मय हुआ संसार।————-परदे पर परदे के पीछे।,परदे के ऊपर परदे के नीचे। –बे-परदा होकर नाच रही है नार । सुन मेरे भरतार। नारी मय हुआ संसार।———+—+अब कुछ नहीं कर सकता है।———-बस इशारों पर नचा करता है।——मनोरंजन के नाम पर चल रहा व्यापार। सुन मेरे भरतार, नारी मय हुआ संसार।———————————-कौन है गरीब,कौन है अमीर। पैसे के कारण सब बनें फकीर।————गरीब और अमीर के बीच में झूल रही सरकार। सुन मेरे भरतार, नारी मय हुआ संसार।———-अब असमर्थ हुए सब नर नारी। सत्य पर झूठ हुआ है भारी।——————————अब राम जन्म का कर रहे, इंतजार। सुन मेरे भरतार, नारी मय हुआ संसार।