नारी : तू अतुलनीय है !
नारी: तू अतुलनीय है !
नारी, तू अतुलनीय, वन्दनीय है ||
नारी, तू धरनीय है, तू वरणीय है ||
शारदे रूप में ज्ञान ने तुझे चुना,,
नारी, तू ईश्वरीय है, पूज्यनीय है ||
नारी, तू शक्ति-रूपा, सशक्त है ||
नारी, तू सद्भावनी, अनुरक्त है ||
लक्ष्मी रूप मे धन ने तुझे चुना,,
नारी, तू करूणीय, तू संयस्त है ||
नारी, तू ममतामयी, तू ममत्व है ||
नारी, तू अग्रणीय है, तू सर्वस्व है ||
गौरी रूप में शक्ति ने तुझे चुना,,
नारी, तू सुखदायिनी, भू-तत्व है ||
तेरे कर-कमलों में कर्मकौशल है ||
तेरे दो चरणों में स्वर्ग-स्थल है ||
है कौन-सा कार्य अछूता तुझसे,,
हर काज तेरी खातिर सरल है ||
==============
दिनेश एल० “जैहिंद”
26. 09. 2018