नारी जागरूकता
बताया जा रहा है,
जताया जा रहा है,
बार-बार लगातार,
दोहराया जा रहा है,
परिवार द्वारा बेटी,
कर ली गयी स्वीकार,
समाज द्वारा बेटी को,
दिये जा रहे अधिकार,
संगठनों द्वारा चलाए जा रहे,
जागरूकता अभियान,
ताकि बेटी पा सके,
अपना स्थान और सम्मान,
शासनिक, प्रशासनिक स्तर पर,
घोषित होते नित नए कानून,
ताकि बंद हो नारी का,
शोषण व अत्याचार।
वहीं दूसरी ओर, हर रोज,
बार-बार, लगातार,
हर प्रयास, हर दावे, हर कानून,
को कर दरकिनार, मुँह चिढ़ाते,
न्यूज चैनल, अखबारों के समाचार,
नारी शोषण के नित नए तरीके,
हर दिन एक नया बलात्कार,
करते शर्मसार, समझाते बार-बार,
चाहिये जो अपना अधिकार,
उठो, जागो, करो खुद को तैयार,
करो खुद को तैयार।
रचनाकार – कंचन खन्ना, मुरादाबाद,
(उ०प्र०, भारत) ।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार) ।
दिनांक- ०२.०१.२०१६.