Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2018 · 1 min read

नारी की है बस यही जिंदगी

“नारी की है बस यही जिंदगी”

नारी की है बस यही जिंदगी, इतना छोटासा है इसका सार।
दुसरो को हमेशा खुशिया देना, खुद के लिए दुखों की भरमार। :-इतने लाड़ लड़ाये जिस पापा ने, जिसने पाल पोष कर बड़ा किया।कुछ साल बाद उसने ही, अपने हाथों से उसे विदा किया।
जिस भाई पर उसने जान छिड़की, जिसके साथ ही खाया साथ ही पिया।उस भाई ने भी राखी के फर्ज को, बस तीज त्यौहार पर अदा किया।
कुछ ना चाहिए इस पगली को, चाहिए है बस थोड़ासा प्यार। नारी की है बस यही जिंदगी,
इतना छोटासा है इसका सार।
:-अग्नि के समक्ष फेरे लेकर, जिसने उसे अपनाया था।
कितनी ही बार उस पतिदेव ने, उसे खून के आंसू रुलाया था।
सिर पर कफ़न बांधकर उसने, जिस बेटे को गोद में पाया था।बुढ़ापे के टाइम वो बेटा, विदेश से फ़ोन पर बतियाया था।
कुछ ना चाहिए इस पगली को, चाहिए था बस थोड़ा साथ।
हमेशा जीयी ये अपनो के लिए, अपनी जिंदगी से किया व्यापार।अपने रास्ते में शहरा होने पर भी, लायी जो सबके लिए बहार। नारी की है बस यही जिंदगी, इतना छोटा सा है इसका सार।।

“सुषमा मलिक”
रोहतक (हरियाणा)
महिला प्रदेश अध्यक्ष कंप्यूटर लैब सहायक संघ हरियाणा

Language: Hindi
8 Likes · 2 Comments · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अलसाई आँखे
अलसाई आँखे
A🇨🇭maanush
स्क्रीनशॉट बटन
स्क्रीनशॉट बटन
Karuna Goswami
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
Dr.Pratibha Prakash
वह सिर्फ पिता होता है
वह सिर्फ पिता होता है
Dinesh Gupta
गाली भरी जिंदगी
गाली भरी जिंदगी
Dr MusafiR BaithA
"सुस्त होती जिंदगी"
Dr Meenu Poonia
-अपनो के घाव -
-अपनो के घाव -
bharat gehlot
जन्म नही कर्म प्रधान
जन्म नही कर्म प्रधान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अजीब सी बेताबी है
अजीब सी बेताबी है
शेखर सिंह
सुबह की नींद सबको प्यारी होती है।
सुबह की नींद सबको प्यारी होती है।
Yogendra Chaturwedi
*
*"रक्षाबन्धन"* *"काँच की चूड़ियाँ"*
Radhakishan R. Mundhra
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
Rituraj shivem verma
. काला काला बादल
. काला काला बादल
Paras Nath Jha
3458🌷 *पूर्णिका* 🌷
3458🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
निःशुल्क
निःशुल्क
Dr. Kishan tandon kranti
स्वयं को सुधारें
स्वयं को सुधारें
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
फूल
फूल
Neeraj Agarwal
"नवरात्रि पर्व"
Pushpraj Anant
నా గ్రామం
నా గ్రామం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
आँखों में उसके बहते हुए धारे हैं,
आँखों में उसके बहते हुए धारे हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
** समय कीमती **
** समय कीमती **
surenderpal vaidya
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
Rj Anand Prajapati
🙅Fact🙅
🙅Fact🙅
*Author प्रणय प्रभात*
वो कपटी कहलाते हैं !!
वो कपटी कहलाते हैं !!
Ramswaroop Dinkar
पुकार
पुकार
Manu Vashistha
स्त्री न देवी है, न दासी है
स्त्री न देवी है, न दासी है
Manju Singh
वक़्त के शायरों से एक अपील
वक़्त के शायरों से एक अपील
Shekhar Chandra Mitra
Loading...