“नारी की महिमा “(हाईकू 5-7-5)
“नारी की महिमा “(हाईकू 5-7-5)
नारी बहुत
सहनशील होती
सम्मान योग्य
सम्मान योग्य
नित मान बड़ाती
खूब महान
खूब महान
काम काज करती
घर चलाती
घर चलाती
सबसे प्यार करे
खुशियां लाती
खुशियां लाती
मान सम्मान करे
दुखों को हरे
दुखों को हरे
सारा काम करे
थकती नही
थकती नही
कभी कभी दयालु
कभी क्रोधित
कभी क्रोधित
जब माँ बनती है
दुलार करे
दुलार करे
जब बेटी बनती
मान बड़ाये
मान बड़ाये
जब बहु बनती
सेवा करती
सेवा करती
जब पत्नी बनती
वंश बड़ाये
वंश बड़ाये
जब मुखिया बने
घर चलायें
घर चलायें
जब शिक्षिका बने
बच्चे पढ़ाये
बच्चे पढ़ाये
जब नेता बनती
देश चलायें
देश चलायें
सब कुछ करती
क्यूँ?बेटी मारे।
रामप्रसाद लिल्हारे “मीना “