नारी शक्ति
है नारीे दुर्गा नारी काली
लहू से खप्पर भरने वाली
तुफानो का, वेग है नारी
रण में चलती तेग है नारी
दिनकर का उजाला नारी
दहकती एक ज्वाला नारी
जलती हुई मशाल है नारी
कालों का भी काल है नारी
वस्तु नहीं, है वास्ता नारी
है परम पूज्य आस्था नारी
नारी तू ,कच्ची डोर नहीं है
कोमल है, कमजोर नहीं है
ममता की परिभाषा नारी
हर मन की जिज्ञासा नारी
होती है चांडाल भी नारी
होती है विकराल भी नारी
मां ,बेटी और बहन है नारी
करती हर दुख सहन है नारी
साहस और बलिदान नारी
स्वाभिमान अभिमान नारी
है नारी तू, नारायणी रूपा
नारी तू ही, शक्ति स्वरूपा
आजाद मंडौरी ज्ञान नारी
इस जग का सम्मान नारी