नारी का सम्मान
इन झूठे अल्फाजों से,न मुझे दिलासा दो।
अपने पौरुष के अहंकार, के नीचे कुचली जाती मैं।
दुनिया के सारे दुख सहकर, फिर भी मुस्काती मैं।
सीता को वनवास दिया,क्या राम की मानवता थी।
द्रौपदी का चीर हरन करने वाले की क्या? पौरूषता थी।
कर्ण एक ऐसा पुरूष था जिसने नारी का सम्मान किया।
दुष्शासन के अल्फाजों का डटकर विरोध किया।
सीता का अपहरण भी रावण का था अहंकार।
जटायु ने मरते दम तक रावण से युद्ध किया।
अपने अल्फाजों से सीता मां का पता दिया।
राम-राम कहकर उसने अपने प्राण गवाये।
दुनिया में नारी रक्षक कहलाये ।
इन झूठे अल्फाजों को लिखकर, अपने अन्तर्मन में झांको।।