नाराज हो कर, ना नाज कर l
नाराज हो कर, ना नाज कर l
प्रीत कर कर, अब बस राज कर ll
दो प्रीत पर, परे परे रहे l
एसी तू नहीं, परवाज कर ll
दिली धकधक साथ धकधक हो l
एसी प्यार की, आवाज कर ll
द्वेषी सर को ले झुका झुका l
तू बस इश्क को सरताज कर ll
डर तो इश्क को डुबोता है l
इश्क खुला कर, नहीं राज कर ll
इश्क में, बस एब पनपाये l
एब पर, सहज एतराज कर ll
विश्वास का विकास, सहज हो l
प्यास त्याग कर, कामकाज कर ll
नाराज हो कर, ना नाज कर l
प्रीत कर कर, अब बस राज कर ll
अरविन्द व्यास “प्यास”