*तुलसीदास (कुंडलिया)*
तुलसीदास (कुंडलिया)
➖➖➖➖➖➖➖➖
नायक हैं कविकुलगुरु, बाबा तुलसीदास
पहुॅंची कब कोई कलम, किंचित मानस पास
किंचित मानस पास, राम का चरित सुहाना
श्रोता सुनकर धन्य, धन्य है इसे सुनाना
कहते रवि कविराय, शब्द लय गति सुखदायक
चौपाई माधुर्य,सरस दोहों के नायक
———————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9971 5451