नाम उसी का योग है….
अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर मेरी एक स्वरचित कविता राष्ट्र को समर्पित
मानव को मानवता सिखाने,
एक निष्ठा रूपी प्रयोग है।
जिससे काया कल्पित होती,
नाम उसी का योग है।।1।।
स्वास्थ्य सम्पदा समृद्धि का,
यह कैसा दुर्लभ संयोग है।
तन-मन-जीवन पावन कर दे,
नाम उसी का योग है।।2।।
अपनो को अपनो से जोड़े,
हो मानो कोई सहयोग है।
विश्व को एक परिवार बनाये,
नाम उसी का योग है।।3।।
वर्तमान और कल को बचाये,
यह एक सरल विनियोग है।
जो जीवन में खुशहाली लाये,
नाम उसी का योग है।।4।।
जीवन बेहतर होगा अब कैसे,
पूछे दुनिया के सब लोग है।
हम कहते अपना लो उसको,
नाम उसी का योग है।।5।।
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार
21/06/2019