नापाक दिल और बंदगी
क्यों जाता है इंसान मंदिरों और मस्जिदों में?
जब दिल ही नापाक हो तो बंदगी बेकार है।
खुद को होशियार समझने वालों ,खबरदार !
खुदा तुमसे जायदा अकलमंद और होशियार है।
क्यों जाता है इंसान मंदिरों और मस्जिदों में?
जब दिल ही नापाक हो तो बंदगी बेकार है।
खुद को होशियार समझने वालों ,खबरदार !
खुदा तुमसे जायदा अकलमंद और होशियार है।