नानी की कहानी होती,
नानी की कहानी होती,
जिसमें राजा रानी होती।
बचपन की शैतानी होती,
चढ़ती मस्त जवानी होती।
ई फ़ाइल न होता तो अच्छा था।
मोबाइल न होता तो अच्छा होता।
रिश्तों की सौगात नहीं है,
एक दूजे से बात नहीं है।
अब तो सबकी लगी समाधी
सब चुप न दुख न कोई व्याधी।
स्टाइल न होता तो अच्छा था,
मोबाइल न होता अच्छा था।
मीठी बोली होती थी,
हसीं ठिठोली होती थी।
चिट्ठी के दिन अच्छे थे,
लिखते पढ़ते सच्चे थे।
डायल न होता तो अच्छा था।
मोबाइल न होता तो अच्छा था।
जो पूंछो बतलाता है,
इसमें बैंक का खाता है।
मोबाइल जरूरी बन गया,
अब सबकी मजबूरी बन गया।
कायल न होता तो अच्छा था,
मोबाइल न होता तो अच्छा था।
सतीश सृजन, लखनऊ.