नाक की लड़ाई !!
अब लग रहा है किसान आन्दोलन,
बन गया है नाक की लड़ाई,
ना तो सरकार ने मानी बात,
ना मान रहे हैं किसान भाई!
देश इसे देख रहा है टुकर- टुकार,
जाने क्या रंग लाएगी यह तकरार,
सरकार ने जतला दिया है अब पीछे हटना नहीं,
साल दो साल तक रुक सकते हैं, वापस करना नहीं,
एम एस पी पर भी हम सिर्फ लिख कर दे सकते हैं,
कानून की गारंटी वारंटी, के चक्कर में हम पड़ सकते नहीं!
बस यही वह डैड लाइन है,जिस पर बात बनती दिखती नहीं,
किसानों ने भी ठान रखी है,बील वापसी तक घर वापसी नहीं,
एम एस पी पर भी कानूनी गारंटी चाहिए,
चाहे जो कुछ भी करो, हमारी तो ये मांग पूरी होनी चाहिए!
अपनी बात से कोई टस से मस होता दिखता नहीं,
सरकार को भी दूजा कोई विकल्प सूझता नहीं,
किसानों को भी इससे कम पर कुछ मंजूर नहीं,
लगता है जैसे विकास का पहिया थम जाएगा,
किसान भी इस कड़कड़ाती ठंड में जम जाएगा,
राजधानी को चारों ओर से घेरा हुआ है,
दिल्ली तो जैसे अब कुछ ठहरा हुआ है,
गनीमत तो यह है कि वस्तुओं की पूर्ति जारी है,
आपूर्ति रुके नहीं,इस पर दोनों पक्षों की जिम्मेदारी है,
नाक की लड़ाई ना बनाए, दोनों पक्ष,इसी में समझदारी है।