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6 Aug 2022 · 1 min read

नाउम्मीदी

पेड़ के नीचे
यह सोचकर बैठी थी कि
पल दो पल
आराम से इसकी छाया में
बैठूंगी
जैसे ही बैठने को हुई
वह मुझ पर खुद को
गिराने को
मुझे मारने को
मेरे अरमानों की लाश
एक पेड़ से गिरे
सूखे झड़े हुए पत्तों की तरह
जमीन पर बिछाने को
पहले से ही तैयार बैठा था
जिसने कभी किसी का
बुरा नहीं किया था
उससे इतनी नाउम्मीदी
हाथ लगेगी
यह उम्मीद मुझे
दूर दूर तक
सपने में भी नहीं थी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
173 Views
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