नही मिलाते हाथ
कोरोना का एक ही,दिखता हमें इलाज।
सावधानियों से रहे, ..पूरा विश्व समाज।।
लगातार खाँसी रहे, …चढने लगे बुखार ।
तुरत दिखायें वैध को,करना नही विचार ।।
नजरें टेढी हो गई, …नही मिलाते हाथ ।
कोरोना से आदमी, ऐसा हुआ अनाथ ।।
रखें फासला तीन फिट,नही मिलायें हाथ ।
चाहे रिश्तेदार हो, ……..चाहे हों वे नाथ ।।
कोरोना के सामने…,दिखे विश्व असहाय ।
इसका दिखता भी नही,कोई अभी उपाय ।।
रमेश शर्मा.