नही आते
तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते,
हमारे बाग़ों के फूलो से महक नहीं आते,
मुहब्बत किया वफ़ा पाने की उम्मीद में,
बेवफ़ा की महफ़िल में वफ़ा के रंग नहीं आते,
मुहब्बत में दिल टूट जाये तो बिखर जाते है,
टूटे दिल वाले लौट के वापस नहीं आते,
जिन्हें तजुर्बा है ज़िन्दगी में मुहब्बत का,
मुहब्बत में मिले रुसवाई वो वापस नहीं आते,
ख़ुश भरी ज़िन्दगी में ग़म की जगह रखना,
ज़िन्दगी के राहों में दुख बता के नहीं आते,
टूटे दिल को दिलासा देना किसे नहीं आता,
यह और बात की दिलासा देने कोई नहीं आते,
‘बेदर्दी’ जीते ग़म में वही तो संसार मेरा,
ग़म को ख़ुशी में बदले वो मे वक़्त नहीं आते,