नहीं से ये दुनिया, नहीं बनी ।
नहीं से ये दुनिया, नहीं बनी ।
बनी तो, हाँ हूंकार से बनी ।।
नहीं, सोच में लाये है द्वंद l
उपजाए हालतें ठनी ठनी ll
हाँ, सहज लाये खुशियां तरंग l
नहीं, बेचैनी है घनी घनी ll
नहीं से, थप्पड़ रसीद तुरंत l
हाँ से, द्वेष है काटें कन्नी ll
हाँ, सही सही प्यास की जननी l
नहीं से, गलत प्यास है उगनी ll
अरविन्द व्यास “प्यास”