नहीं रहे रंगमंच व सिनेमा के सशक्त अभिनेता अनुपम श्याम
अभिनेता अनुपम श्याम का जन्म 20 सितंबर 1957 ई. को प्रतापगढ़ , उत्तर प्रदेश में हुआ था और उनकी मृत्यु गत रविवार 8 अगस्त 2021 ई. को लाइफ लाइन हॉस्पिटल, मुम्बई में हुई। बॉलीवुड की फिल्मों से लेकर टी.वी. सीरियल की दुनिया में उनके निभाए गए खल चरित्र बेहद सराहये गए। मशहूर टी.वी. धारावाहिक “मन की आवाज प्रतिज्ञा” में ठाकुर सज्जन सिंह के रोल से उन्होंने अपार ख़्याति अर्जित की।
किडनी से सम्बंधित समस्या से काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे अनुपम श्याम का अन्ततः मल्टी ऑर्गन फेलियर की वजह से निधन हो गया। मात्र 63 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा को कह दिया। बताया जा रहा है कि मुंबई के लाइफ लाइन हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था और इसी दौरान बीते रात 8 बजे उन्होंने अपनी आखें हमेशा के लिए बंद कर ली। बीमारी की वजह से इनकी माली हालत ख़राब हो गई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी ने इनके परिवार को 20 लाख रूपये की आर्थिक सहयता दी थी। मनोज वाजपई सहित अन्य कलाकारों ने भी इनको आर्थिक सहयोग दिया था।
अनुपम के प्रारम्भिक जीवन की बात करें तो हम पाते हैं कि प्रतापगढ़ से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त वे “अवध विश्वविद्यालय” से स्नातक करने ततपश्चात लखनऊ के “भारतेन्दु नाट्य अकादमी” से थियेटर की पढ़ाई करने गए। कुछ वक़्त बाद वे दिल्ली में आ गए जहाँ उन्होंने “श्रीराम कला सेन्टर के अनेक नाटकों में काम किया और बाद में वे “राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (N.S.D.) के रंगमंडल में लंबे समय तक अपना योगदान देते रहे। जहाँ उन्होंने अभिनय की अनेक बारीक़ियाँ सीखीं। यही वजह थी कि वे अनेक बड़े कलाकारों, निर्देशकों के सम्पर्क में आये।
अभिनेता अनुपम श्याम ने कई बड़ी राष्ट्रीय—अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई। जिसका श्री गणेश श्याम ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म ‘द लिटिल बुद्धा’ से किया। ठीक इसी दौरान उन्होंने शेखर कपूर द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ में मौक़ा मिला। जिसमें उनका छोटा सा किरदार ‘बाबा घनश्याम’ का था। उन्होंने एक अन्य फ्रेंच फिल्म ‘जया गंगा’ भी की। ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ में उन्होंने एक अहम खलचरित्र को अंजाम दिया जो भीख मंगवाने के लिए बच्चों को अंधा बनाया करता था। इस फ़िल्म ने ऑस्कर आवार्ड जीता।
श्याम की एक अन्य विदेशी फिल्म ‘द वारियर’ भी थी; जिसके मुख्य किरदार में प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता स्वर्गीय इरफान खान भी थे। इसके अलावा ‘प्रणाम वालेकुम’ और ‘दुबई रिटर्न’ भी महत्वपूर्ण फ़िल्में हैं। ‘दुबई रिटर्न’ में उनके सह कलाकार एक बार फिर स्वर्गीय इरफान खान थे। श्री महेश मथाये द्वारा निर्देशित एक ब्रिटिश फिल्म ‘थ्रेड’ में काम किया जिसमें उनकी भूमिका एक ऋषि मुनि की है जिसे दर्शकों की भरपूर सराहना मिली। इसमें रौशन सेठ भी थे।
‘शक्ति’, ‘हल्ला बोल’ और ‘रक्तचरित’ जैसी चर्चित फिल्में भी श्याम ने की थीं। “हल्ला बोल” में उनके सह अभिनेताओं में प्रसिद्ध अभिनेता पंकज कपूर शामिल थे। दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के साथ उनकी एक फिल्म ‘परजानिया’ थी, जिसकी कहानी दंगे पर आधारित थी। हाल ही में आई श्याम की एक अन्य महत्वपूर्ण फिल्म ‘दास कैपिटल’ भी है, जो अभी फिल्म समारोहों में दिखायी गई थी, जिसमें उनके साथ अभिनेता यशपाल भी हैं।
पचासियों फ़िल्मों व दर्जनों टीवी धारावाहिकों में छोटे-बड़े चरित्रों के माध्यम से दर्शकों के दिल में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले अभिनेता अनुपम श्याम जी के निधन पर उत्तरांचली साहित्य संस्थान अपनी गहरी संवेदनाएँ अभिव्यक्त करता है। ईश्वर से उनकी आत्मा की शान्ति हेतु प्रार्थना करते हैं। ॐ शान्ति।
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