नहीं माँगती
सब दुःख दर्द बाँट लेती है माँ-बाप के मगर
बेटी कभी जायदाद में हिस्सा नहीं माँगती
वक़्त अगर दो तो ग़ैरों से भी हो जाती है
मोहब्बत सिर्फ़ खून का रिश्ता नहीं माँगती
चन्द घूँट पीकर ही बुझ जाया करती है
प्यास कभी तमाम दरिया नही माँगती
सब दुःख दर्द बाँट लेती है माँ-बाप के मगर
बेटी कभी जायदाद में हिस्सा नहीं माँगती
वक़्त अगर दो तो ग़ैरों से भी हो जाती है
मोहब्बत सिर्फ़ खून का रिश्ता नहीं माँगती
चन्द घूँट पीकर ही बुझ जाया करती है
प्यास कभी तमाम दरिया नही माँगती