“नहीं बनना दुर्बल” ️
परवरिश ने माना
बचपन ने थामा
नियत में रहता
ईश्वर हमेशा…☀️
नहीं धर्म कोई मानवता से ऊपर,
नींव में रहता;
जहाँ
नेक पत्थर,
बस वहीं फुल खिलते
इंसानियत का सुन लें !
नियत सजाती जहाँ नेकी से आँगन
वहीं जीजा रचती शिवाजी का जीवन
नेक बन पर तुम सुनो जाग रहना
हाँ
नहीं बनना दुर्बल
जमाना नहीं है,
जमाना नहीं है।
©दामिनी ✍