नहीं जाता।
कुछ रिश्ते साथ होकर भी,याद नहीं आते
कुछ दूर हो फिर भी, भुलाया नहीं जाता।
ये इश्क हर किसी को रास आए,सच नहीं
कोई नहीं भूलता, तो किसी को याद नहीं आता।
मत याद करके रोना नीलम गुज़रे वक्त को
हां गुज़रा हुआ वक्त कभी लौट कर नहीं आता।
तुम्हें देखूं दुखी और इक बार भी पलटूं नहीं सनम
नाराज़ हूं पर, इतना भी पत्थर हुआ नहीं जाता।
माना नहीं कह पाते तुमसे ? की दास्तां
बिना देखे तुम्हें, इश्क में रहा नहीं जाता।
करता नहीं कोई इसे सोच-समझकर
होता है अपने आप, इश्क किया नहीं जाता,
कीमत चुकानी पड़ती है हां प्यार में नीलम
लेकिन इस हसीं मुहब्बत को ख़रीदा नहीं जाता।
है लाइलाज इश्क का रोग ये नीलम
करे जत्न लाख मगर ये रोग नहीं जाता।
नीलम शर्मा