नहीं कोरोना चीज बड़ी है
लावणी छंद में तुच्छ प्रयत्न सादर समर्पित है:-
विधान-१६-१४ मात्रा पर यति,कुल ३० मात्रा प्रति चरण।
दो-दो चरण समतुकांत तथा चरणांत गुरु या दो लघु अनिवार्य ।
नहीं कोरोना चीज बड़ी है,हरदम मन में ये कहना।
रखना होगा संयम थोड़ा,केवल घर में ही रहना।।
नहीं करो कोई मनमानी,पालन नियमों का करना।
अति निडरता कभी ना अच्छी,हमको थोड़ा है डरना।।
भ्रम भूले भी ना फैलाओ,याद हमेशा है रखना।
घर से बाहर जब भी निकलो,मास्क लगाके मुँह ढँकना।।
हाथ किसी से नहीं मिलाना,अभी नमस्ते कर लो।
नहीं व्यर्थ के ज्ञान बाँचना,खुद को बस तुम संभालो।।
भारत भूषण पाठक”देवांश” ???