नहीं करते
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नहीं करते
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जिनके दिल में स्वार्थ भरा है ,वे उपकार नहीं करते ।
नहीं पता हो लक्ष्य जिन्हें वे, मंजिल पार नहीं करते ।।1
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वीर वही कहलाते हैं जो,आ सीने पर वार करें ।
नपा तुला बोलें बातों की ,वे बौछार नहीं करते ।।2
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जो करते हैं प्यार देश से, हँसकर देते कुर्बानी ।
होने को बलिदान कभी भी, सोच-विचार नहीं करते ।।3
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हाथों में तो कलम थामना ,कोई मुश्किल बात नहीं ।
लिखना सत्य कठिन, लिखते जो, वे व्यापार नहीं करते ।।4
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कट जाता है सारा जीवन, रोटी को ढोते जिनका ।
कभी दूसरे की दौलत पर , वे अधिकार नहीं करते ।।5
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हमने क्या-क्या कर्म किये हैं, कभी कसौटी पर कसना ।
दर्पण की सच्चाई से हम, तो इंकार नहीं करते ।।6
०
जीवन भी तो एक जुआ है, जो भी खेला हारा है ।
पर हम डरते मृत्यु सुंदरी, से अभिसार नहीं करते ।।7
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-महेश जैन ‘ज्योति’
मथुरा !
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