नहीं अकेली तू इस जग में
नहीं अकेली तू इस जग में,
मैं भी तेरे साथ खड़ा ।
मिलकर दोनों साथ बढ़ेंगे,
संकट हो फिर कितना बड़ा।
तेरे हाथ को पकडे-पकडे,
पार मैं कर लूँ सात समुन्दर ।
कितना भी तूफ़ान हो आता,
जोश बहुत है दिल के अंदर ।
सारी मुश्किल दूर मैं कर दूँ,
अपनी बातों पे मैं अड़ा ।
नहीं अकेली तू इस जग में,
मैं भी तेरे साथ खड़ा ।
तेरी आँख में आंसू आये ,
देख नहीं मैं पाता हूँ ।
तू जो मुश्किल में होती है,
घबरा मैं भी जाता हूँ ।
सारी चिंता छोड़ के हंस दे,
देता मैं आदेश कड़ा ।
नहीं अकेली तू इस जग में,
मैं भी तेरे साथ खड़ा ।
हर दम तेरे साथ चलूँगा,
लेकर तेरी उम्मीदों का घड़ा ।
मैं हर दम तेरे साथ खड़ा ।