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20 Jan 2022 · 1 min read

‘सलाह’

‘सलाह’

सबके साथ रहना सदा,
किसी भी, भीड़ में;
अकेले का, शौक ना रखना;
किसी तस्वीर में।

खुद भी, तस्वीर देखा करो;
तेरा तस्वीर, सिर्फ दूसरे देखें;
ऐसा न लिखा हो कभी,
तेरी तकदीर में।

जल्दबाजी में,मत फसों,
रफ्तार से, सदा बचो;
वरना,आ जाओगे तुम;
एक तस्वीर में।

ज्यादा कुछ न मिलेगा कभी,
जितना है, तकदीर में;
किस्मत पे कायम रहो,
मत फसना, पीर-फकीर में।

लिखा है जो, हाथ लकीर में;
कष्ट होंगे,कई शरीर में;
हर जीव को, बचाना सीखो;
नयन मत भींगाना,नीर में।

छोड़ो, निज एकाकीपन;
रखो सब से तू, अपनापन;
बीत गई जो बात भूलो;
तुम भी अपनी गलती कबूलो।
°°°°°°°°°°°°°?°°°°°°°°°°°°

स्वरचित सह मौलिक;
……✍️ पंकज कर्ण
………….कटिहार।।

Language: Hindi
2 Likes · 444 Views
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