नसीब आपन आपन (भोजपुरी)
नसीब आपन आपन
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रोज ही विष के पान करीला
सगरे दिन हम काम करीला
सुख नइखे बस आश करीला
भगवन होईं सहाय।
जीवन बा ई विष के प्याला
निकल रहल बा मोर दिवाला
अब दुख तनिको नाहीं सहाला
कुछ त करीं उपाय।
आपन – आन ना केहू लऊँके
अबर जान सियारो फऊँके
दूरदीन रोज कपारे छऊँके
हमका लेयो बचाय।
नसीब बुरा जो होई बुराई
पोसल कुकुर काटी खाई
बिना नसीबा के का पाई
दीहीं नसीबवे बनाय।
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✍ ✍ पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार……८४५४५५
शब्दार्थ
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करीला = करते हैं
सगरे = संपूर्ण
नइखे= नहीं हैं
होंईं = हो जाईये
मोर = मेरा
दिवाला निकला = हालात बहुत बुरा
तनिको = थोड़ा भी
नाहीं = नहीं
सहाला= बरदाश्त होना
करीं = कीजिए
आपन – आन = अपना पराया
केहू = कोई
लऊँके = दिखाई देना
अबर जान = कमजोर जानकर
सियारो = श्रृंगाल सियार
फऊँके = धृष्टता दिखाना
दूरदीन = बहुत बूरा दिन
कपारे छऊँके = सर पे ताण्डव
हमका = हमें, लेयो = लीजिये
बचाय = मुसीबत से छुटकारा
नसीब = भाग्य
पोसल कुकर = पालतू कुत्ता
काटी खाई = काटना खाना
के पाईं = कौन पायेगा