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17 Mar 2017 · 1 min read

!!! नशे में डूबा इंसान !!!

किसी को धन का नशा
और वो उसमें लिप्त
इतना की खुद का होश नहीं
तो ये किस काम का नशा

किसी को गरूर का नाश
इतना की खुद की नहीं
मानता और घमंड के
मारे किसी को भी नहीं जानता

कोई खुद को बर्बाद कर
रहा है , चरस, शराब
गांजे के दुनिया में इतना
कि खुद का होश नहीं
हर वक्त मदहोश ही हो रहा

उस से भी बड़ा नशा
औरत के जिस्म का
जिस की खातिर वो अपने रिश्तों
का खून भी कर रहा

अंधी गलिओं में
गुजार रहा वो अपने दिन रात
हवस, वासना, की लिए
दिन बार दिन हो रहा कमजोर

नशा ही करना है तो ऐसा करो
कि जो ले जाए उस पार
खुदा की या रब की कर बंदगी
हो जाएं दूर मन की सब गंदगी

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
402 Views
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