Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2021 · 1 min read

नशीली उसकी आंखो में__ मुक्कत

नशीली उसकी आंखों का नशा था मुझ पर चढ़ने लगा।
पढ़ती रहती वह तो किताबें, रूप में उसका पढ़ने लगा।
कभी नजरें उठाता था, कभी नज़रें झुकाता मै।
कहीं कोई देखे न मुझको, मन ही मन मै तो डरने लगा।
****************************************
प्यार झुकता नही यारो, प्यार रुकता नहीं यारों।
यह दिल जिस पर आ जाए, वहीं पे जाके रुकने लगा।
*****************************************
प्यार को रोकने की कोशिश तो जमाना करता ही आया
मगर कभी रोक नहीं पाया, खुद ही वह तो झुकने लगा।
*****************************************
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 473 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुक्तक - वक़्त
मुक्तक - वक़्त
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपने ही हाथों
अपने ही हाथों
Dr fauzia Naseem shad
धरातल की दशा से मुंह मोड़
धरातल की दशा से मुंह मोड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*ऐनक (बाल कविता)*
*ऐनक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
■ जय ब्रह्मांड 😊😊😊
■ जय ब्रह्मांड 😊😊😊
*प्रणय प्रभात*
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
Naushaba Suriya
प्रकृति के फितरत के संग चलो
प्रकृति के फितरत के संग चलो
Dr. Kishan Karigar
जीवन दिव्य बन जाता
जीवन दिव्य बन जाता
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से
प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
राम की आराधना
राम की आराधना
surenderpal vaidya
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
आफत की बारिश
आफत की बारिश
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"दामन"
Dr. Kishan tandon kranti
अश्रु की भाषा
अश्रु की भाषा
Shyam Sundar Subramanian
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
Neeraj Agarwal
कसूर किसका
कसूर किसका
Swami Ganganiya
क्या बोलूं
क्या बोलूं
Dr.Priya Soni Khare
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
तेरी ख़ामोशी
तेरी ख़ामोशी
Anju ( Ojhal )
युद्ध घोष
युद्ध घोष
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
तुम्हारे लिए
तुम्हारे लिए
हिमांशु Kulshrestha
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
एक पूरी सभ्यता बनाई है
एक पूरी सभ्यता बनाई है
Kunal Prashant
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
Atul "Krishn"
विश्वास
विश्वास
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
छिपी रहती है दिल की गहराइयों में ख़्वाहिशें,
छिपी रहती है दिल की गहराइयों में ख़्वाहिशें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
23/157.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/157.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...