नशा
आधार छंद -हंसगति(मापनीमुक्त मात्रिक)
विधान:-कुल 20 मात्राएँ 11,9 पर यति अंत में वाचिक गुरु तथा त्रिकल यति त्रिकल अनिवार्य
दिया नशे में झोंक, गवाया जीवन।
मैकश में दिन रात,बिताया जीवन।
छोटे बड़े जवान,फसें हैं सारे,
देख नशे में आज,समाया जीवन।
बिगड़े हैं हालात, नहीं कुछ वश में,
मै का चढ़ा सुरूर, लुटाया जीवन।
लूट गया घर बार,हुआ क्या हासिल,
हुआ नशे में चूर,मिटाया जीवन।
छोड़ नशा इंसान,बुरी बीमारी,
जल्द मिले शमशान,घटाया जीवन।
घर का बुझा चिराग,बुझा है चुल्हा,
बड़ा भयानक आग,लगाया जीवन।
नहीं धर्म ईमान,न इज्जत बाँकी,
दिशा दशा बर्बाद,सताया जीवन।
करो सभी प्रयास, मिटाये जड़ से,
देकर यह संदेश,जगाया जीवन।
फैले ज्ञान प्रकाश,सभी घर आँगन,
हुआ नशा से मुक्त, सजाया जीवन।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली