Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2021 · 1 min read

नशा

आधार छंद -हंसगति(मापनीमुक्त मात्रिक)
विधान:-कुल 20 मात्राएँ 11,9 पर यति अंत में वाचिक गुरु तथा त्रिकल यति त्रिकल अनिवार्य

दिया नशे में झोंक, गवाया जीवन।
मैकश में दिन रात,बिताया जीवन।

छोटे बड़े जवान,फसें हैं सारे,
देख नशे में आज,समाया जीवन।

बिगड़े हैं हालात, नहीं कुछ वश में,
मै का चढ़ा सुरूर, लुटाया जीवन।

लूट गया घर बार,हुआ क्या हासिल,
हुआ नशे में चूर,मिटाया जीवन।

छोड़ नशा इंसान,बुरी बीमारी,
जल्द मिले शमशान,घटाया जीवन।

घर का बुझा चिराग,बुझा है चुल्हा,
बड़ा भयानक आग,लगाया जीवन।

नहीं धर्म ईमान,न इज्जत बाँकी,
दिशा दशा बर्बाद,सताया जीवन।

करो सभी प्रयास, मिटाये जड़ से,
देकर यह संदेश,जगाया जीवन।

फैले ज्ञान प्रकाश,सभी घर आँगन,
हुआ नशा से मुक्त, सजाया जीवन।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

1 Like · 190 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
"वरना"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरी ख़ुशबू
तेरी ख़ुशबू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
प्रेम पल्लवन
प्रेम पल्लवन
Er.Navaneet R Shandily
मालपुआ
मालपुआ
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
Basant Bhagawan Roy
परिंदों का भी आशियां ले लिया...
परिंदों का भी आशियां ले लिया...
Shweta Soni
पर्यावरण-संरक्षण
पर्यावरण-संरक्षण
Kanchan Khanna
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
Subhash Singhai
बदमिजाज सी शाम हो चली है,
बदमिजाज सी शाम हो चली है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक ही भूल
एक ही भूल
Mukesh Kumar Sonkar
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Anil chobisa
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
#स्पष्टीकरण-
#स्पष्टीकरण-
*प्रणय प्रभात*
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
दोहा-प्रहार
दोहा-प्रहार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
you don’t need a certain number of friends, you just need a
you don’t need a certain number of friends, you just need a
पूर्वार्थ
मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता)
मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता)
Dr. Kishan Karigar
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरी भी सुनो
मेरी भी सुनो
भरत कुमार सोलंकी
3316.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3316.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
Harminder Kaur
मेरी आँखों में देखो
मेरी आँखों में देखो
हिमांशु Kulshrestha
Winner
Winner
Paras Nath Jha
तनिक लगे न दिमाग़ पर,
तनिक लगे न दिमाग़ पर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आप कोई नेता नहीं नहीं कोई अभिनेता हैं ! मनमोहक अभिनेत्री तो
आप कोई नेता नहीं नहीं कोई अभिनेता हैं ! मनमोहक अभिनेत्री तो
DrLakshman Jha Parimal
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
*सभी ने सत्य यह माना, सभी को एक दिन जाना ((हिंदी गजल/ गीतिका
*सभी ने सत्य यह माना, सभी को एक दिन जाना ((हिंदी गजल/ गीतिका
Ravi Prakash
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
Loading...