नशा……………२
नशा……………२
नशा शराब का हो तो दिमाग के पट खोलता है
दिल मे दबे राजो को बडी आसानी से खोलता है
जुटा नही सकता जो हिमम्त दो लफ़्ज कहने की
वो बुजदिल भी फिर बडी बेबाकी से बोलता है ।।
।
।
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डी. के. निवातियॉ_______@
नशा……………२
नशा शराब का हो तो दिमाग के पट खोलता है
दिल मे दबे राजो को बडी आसानी से खोलता है
जुटा नही सकता जो हिमम्त दो लफ़्ज कहने की
वो बुजदिल भी फिर बडी बेबाकी से बोलता है ।।
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डी. के. निवातियॉ_______@