Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2019 · 1 min read

नव

भंवरे तितलियाँ खूब करते रहे मस्तियां
नव वर्ष की कुछ ऐसी रहे आकृतियाँ
सबकी जिदंगी मे आऐ खुशियो का झोंका
नव वर्ष पर मिले अमूल्य तोहफा

खुदा की हम पर ये रहमत रहे
हमारे कारण किसी का दिल न दुखे
जब किसी अपने को याद कोई करे
रबा हमारा चेहरा भी उन यादो मे रहे

236 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी  किसी के साथ प्रेम ,  किस
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी किसी के साथ प्रेम , किस
Seema Verma
तुझे भूलना इतना आसां नही है
तुझे भूलना इतना आसां नही है
Bhupendra Rawat
माँ तेरे चरणों मे
माँ तेरे चरणों मे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
टेलीफोन की याद (हास्य व्यंग्य)
टेलीफोन की याद (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
3336.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3336.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
माँ नहीं मेरी
माँ नहीं मेरी
Dr fauzia Naseem shad
ब्रह्मेश्वर मुखिया / MUSAFIR BAITHA
ब्रह्मेश्वर मुखिया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Love yourself
Love yourself
आकांक्षा राय
बढ़े चलो तुम हिम्मत करके, मत देना तुम पथ को छोड़ l
बढ़े चलो तुम हिम्मत करके, मत देना तुम पथ को छोड़ l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
SHAMA PARVEEN
मै भी सुना सकता हूँ
मै भी सुना सकता हूँ
Anil chobisa
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
Kanchan Khanna
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
Rajesh vyas
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
Ram Krishan Rastogi
हे माधव
हे माधव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Wishing you a very happy,
Wishing you a very happy,
DrChandan Medatwal
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मित्र
मित्र
लक्ष्मी सिंह
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ज्ञानी मारे ज्ञान से अंग अंग भीग जाए ।
ज्ञानी मारे ज्ञान से अंग अंग भीग जाए ।
Krishna Kumar ANANT
*दिल का आदाब ले जाना*
*दिल का आदाब ले जाना*
sudhir kumar
बिन बोले ही हो गई, मन  से  मन  की  बात ।
बिन बोले ही हो गई, मन से मन की बात ।
sushil sarna
मुक्तक - वक़्त
मुक्तक - वक़्त
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
Atul Mishra
??????...
??????...
शेखर सिंह
*कांच से अल्फाज़* पर समीक्षा *श्रीधर* जी द्वारा समीक्षा
*कांच से अल्फाज़* पर समीक्षा *श्रीधर* जी द्वारा समीक्षा
Surinder blackpen
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों - डी के निवातिया
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
जिंदगी की कहानी लिखने में
जिंदगी की कहानी लिखने में
Shweta Soni
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...