नव संवत्सर
नव संवत्सर आया है,नई उमंगें लाया है..
हर शाखा हो गई पल्लवित,भौंरे ने राग सुनाया है..
उपवन में छाई छटा निराली, फूल-फूल मुस्काया है..
वसुधा हुई रंग-रंगीली,उल्लास चहुँ दिशि छाया है..
मंगल गाओ माँ को बुलाओ ,त्योहार नवरात्र का आया है..
-Gn**