Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2022 · 2 min read

नव वर्ष

हाड़ कंपाती ढंड, ठिठुरता मानव, प्रकृति स्पंदनविहीन कैसे हो सकता है नव वर्ष और उत्सव। मकर संक्रांति फिर वसंत पंचमी, उसके बाद शिवरात्रि तब होलियान संवत्सर, युगादि नया संवत्सर बिहान। महाविषुव नया साल – संतुलन, दिन रात बराबर। नवरात्रि भर व्रत, पर्व, उत्साह, नवमी को नये अनाज की रोटी खा के समापन।

दुनिया का सबसे शुद्ध कलेंडर(पञ्चाङ्ग) विक्रम सम्वत है। जिसका नववर्ष 2078 वर्ष पूर्व भी चैत्र प्रतिपदा था और आज भी वही है।

दुनियाभर में 1 जनवरी को मनाया जाने वाला नववर्ष कभी 25 मार्च को मनाया जाता रहा तो कभी 25 दिसंबर को मनाया गया।

दुनिया को ज्ञान सिखाने का दावा करने वाले पश्चिम कलेण्डर की शुरुआत 10 माह वाले कलेण्डर से हुई थी जिसमें साल में कुल 310 दिन और सप्ताह में 8 दिन थे. जिसे जूलियन ने सुधारकर 12 माह किया लेकिन लीप ईयर चूक गए. सन 1582 ई में पोप ग्रेगरी ने इसे सुधारकर सही किया और तब से दुनियाभर में 1 जनवरी से नया वर्ष मनाने की शुरुआत हुई जिसका ना तो कोई प्रकृति से लेना देना है ना ग्रहों की गणना या पंचाग से. ये एक प्रकार का शोकेस न्यू ईयर है।

लोगो के मन मे अक्सर ये डर देखा जाता है कि हम 1 जनवरी को जो भी करेंगे वो सालभर करना पड़ेगा, इसलिए वे दिनभर कुछ अच्छा करने का प्रयास करते है, नई शुरुआत की बातें करते है, नए नए संकल्प लेते है जबकि 1 जनवरी भी एक सामान्य दिन है ठीक प्लास्टिक ट्री की तरह है जो ना ऑक्सीजन देता है ना ही औषधि।लेकिन जिस नववर्ष का सीधा सम्बंध प्रकृति, ग्रहों की चाल औऱ मानव जीवन से जुड़ा है उस नववर्ष चैत्र प्रतिपदा को हम नही मनाते।

मज़ेदार तथ्य है कि जिस 1 जनवरी के दिन हम ये मानकर मंदिर जाते है कि हे प्रभु ! वर्षभर सब अच्छा रहे उस नववर्ष का मंदिर से कोई लेना देना नही लेकिन जिस चैत्र प्रतिपदा नववर्ष से मंदिर, प्रकृति का लेना देना है उसे हम मनाते ही नही।

बहरहाल आप 1 जनवरी न्यू ईयर मनाना चाहते है तो मनाइए इस बहाने मंदिर तो जाएंगे लेकिन चैत्र प्रतिपदा भी अवश्य मनायें क्योंकि इसका सीधा सम्बंध विज्ञान, प्रकृति से जुड़ा है। जीवन मे बदलाव प्लास्टिक क्रिसमस ट्री पूजने से नही होता अपितु ऑक्सीजन युक्त पीपल, औषधि युक्त तुलसी पूजने से होता है।
प्रकृति का नववर्ष चैत्र प्रतिपदा..
केलंडर बदलिए संस्कृति नही।

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 3 Comments · 360 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
Rekha khichi
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
हरि का घर मेरा घर है
हरि का घर मेरा घर है
Vandna thakur
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
खामोशी की आहट
खामोशी की आहट
Buddha Prakash
#कैसी_कही
#कैसी_कही
*Author प्रणय प्रभात*
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
शिकवा नहीं मुझे किसी से
शिकवा नहीं मुझे किसी से
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कहने को सभी कहते_
कहने को सभी कहते_
Rajesh vyas
'कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली' कहावत पर एक तर्कसंगत विचार / DR MUSAFIR BAITHA
'कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली' कहावत पर एक तर्कसंगत विचार / DR MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
" मिलकर एक बनें "
Pushpraj Anant
वक्त से गुज़ारिश
वक्त से गुज़ारिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अज़ल से इंतजार किसका है
अज़ल से इंतजार किसका है
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
संगठग
संगठग
Sanjay ' शून्य'
खारे पानी ने भी प्यास मिटा दी है,मोहब्बत में मिला इतना गम ,
खारे पानी ने भी प्यास मिटा दी है,मोहब्बत में मिला इतना गम ,
goutam shaw
मुझे तारे पसंद हैं
मुझे तारे पसंद हैं
ruby kumari
कहते हैं लोग
कहते हैं लोग
हिमांशु Kulshrestha
"दरपन"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*हैप्पी बर्थडे रिया (कुंडलिया)*
*हैप्पी बर्थडे रिया (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
3335.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3335.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
sudhir kumar
अच्छाई बाहर नहीं अन्दर ढूंढो, सुन्दरता कपड़ों में नहीं व्यवह
अच्छाई बाहर नहीं अन्दर ढूंढो, सुन्दरता कपड़ों में नहीं व्यवह
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
मेरी एक सहेली है
मेरी एक सहेली है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
त्वमेव जयते
त्वमेव जयते
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कार्ल मार्क्स
कार्ल मार्क्स
Shekhar Chandra Mitra
Loading...