जब तक आपका कामना है तब तक आप अहंकार में जी रहे हैं, चाहे आप
जो दूर हो जाए उसे अज़ीज़ नहीं कहते...
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
समय का सिक्का - हेड और टेल की कहानी है
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
अटल बिहारी मालवीय जी (रवि प्रकाश की तीन कुंडलियाँ)
दुनिया में लोग ज्यादा सम्पर्क (contact) बनाते हैं रिश्ते नही
आखरी है खतरे की घंटी, जीवन का सत्य समझ जाओ
उर से तुमको दूंँ निर्वासन।
"एजेंट" को "अभिकर्ता" इसलिए, कहा जाने लगा है, क्योंकि "दलाल"
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
कभी मिले नहीं है एक ही मंजिल पर जानें वाले रास्तें
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'