नव वर्ष
फिर नव वर्ष मनाना है |
नया दिन ,नया सवेरा
नया जोश भर लाना है
नयी दिशाएँ ,नयी रचनाएँ
नया उत्साह जगाना है
फिर नव ……………|
बीते कल को भूलकर
नए कल में जाना है
कैसा वैर, कैसी दुश्मनी
सबको दोस्त बनाना है
फिर नव ……………|
ना कोई छोटा, ना बड़ा
सबसे प्यार बढ़ाना है
ना कोई निर्धन, ना अमीर
सबको गले लगाना है
फिर नव ……………|