नव वर्ष
लो बई यारों फिर नया साल आ गया,
पुराना किसी को हँसा और किसी को रुवा गया।
होना था जो हो गया, भूल जाओ अब बीते को,
सिख लो सबक जो तुमे है यह वक्त सिखा गया।
बदलते वक्त के साथ, बदलना भी ज़रूरी है,
बदलता हुआ वक्त यह हम को समझा गया।
मांगते है दुआएं यार, जो मिले ने भगवान जैसें ,
नये साल के कार्ड हाथ डाकिया पकड़ा गया।
कितने ही संदेश भेजे, आए कितने ही मित्रों के,
हर कोई अपनी -अपनी याद मुझे दिला गया।
देखो अब आऐंगे अच्छे दिन या फिर बुरे दिन,
नया बरस में राजनीतिक माहौल गरमा गया।
हो तंदरुस्ती, सुख:सांती, मिले ख़ूब खुशियां,
कहता -कहता मनदीप हाथ भी मिला गया।
मनदीप गिल्ल धड़ाक
9988111134