नव वर्ष मंगलमय हो
परिवर्तन शील प्रकृति में,हर पल दृश्य नवीन है
दिन सप्ताह मास बर्ष युग, परिवर्तन आधीन है
हर पल को स्वीकार करें, काल गति आधीन है
नियति और नियंता दोनों, जैसे जल और मीन हैं
आने जाने वाले सुख दुख, दोनों कर्माधीन हैं
भूतकाल से अनुभव, भविष्य से आशा समयाधीन है
वर्तमान पर विश्वास करें, संवत्सर लगा नवीन है
नव विक्रम संवत्सर २०८१ की हार्दिक शुभकामनाएं हार्दिक बधाई 🎉🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी