*नव वर्ष पर सुबह पाँच बजे बधाई *
*नव वर्ष पर सुबह पाँच बजे बधाई *
(हास्य कुंडलिया)
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आई प्रातः पाँच पर , मोबाइल-आवाज
हमने सोचा हे प्रभो ! ,अनहोनी क्या आज
अनहोनी क्या आज , उधर से सुना “बधाई”
हम बोले हे मित्र , बंधु या कहें कसाई
कहते रवि कविराय ,कसम उनको खिलवाई
खबरदार नववर्ष , सुबह को घंटी आई
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451